कुछ इस तरह…….

कुछ इस तरह मेरे साथ जिंदगी गुजार लेना …

जो तुम लड़खड़ाए तो मैं संभाल लूँगी…
मैं जो डगमगाऊं तो तुम थाम लेना |
कुछ इस तरह मेरे साथ जिंदगी गुजार लेना ||

जो तुम रूठे तो मैं मना लूँगी…
मेरी खामोशी की वजह तुम जान लेना |
कुछ इस तरह मेरे साथ जिंदगी गुजार लेना ||

तुम्हारी हर बात पर मैं विश्वास करूँगी….
तुम मेरे विश्वास को मत तोड़ देना |
कुछ इस तरह मेरे साथ जिंदगी गुजार लेना ||

जो कभी गलती हो जाए मुझसे तो डॉट लेना…
जो दूसरें गलती निकाले तो मेरा साथ देना |
कुछ इस तरह मेरे साथ जिंदगी गुजार लेना ||

तुम्हारी हर खुशी में खुश हो जाऊँगी मैं…..
मेरी इच्छाओं को तुम मान देना |
कुछ इस तरह मेरे साथ जिंदगी गुजार लेना ||

जीवन की इस दौड़ में तुम जरूर भाग लेना ……
जो मैं पीछे रह जाऊँ तो बस पुकार देना |
कुछ इस तरह मेरे साथ जिंदगी गुजार लेना ||

3 Comments

  1. आ. मोनिका जी, सुंदर विचाराभिव्यक्ति , जीवन जीने की कला है, एक नारी का समर्पण भाव दूसरी तरफ अपेक्षा भाव बहुत प्रभावित किया.

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