“आदमी की औकात” – दिवंगत जैन मुनि तरुण सागर जी द्वारा रचित कविता

फिर घमंड कैसाघी का एक लोटा,लकड़ियों का ढेर,कुछ मिनटों में राख…..बस इतनी-सी हैआदमी की औकात !!!! एक बूढ़ा बाप शाम को मर गया,अपनी सारी ज़िन्दगी,परिवार के नाम कर गया,कहीं रोने…

मकर संक्रांति

शास्त्रों के अनुसार दक्षिणायन को देवताओं को रात्रि अर्थात नकारात्मकता का प्रतीक तथा उत्तरायण को देवताओं का दिन अर्थात सकारात्मकता का प्रतीक माना गया है। मकर संक्रान्ति से सूर्य दक्षिणी…

जय माता दी

प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी।तृतीयं चन्द्रघण्टेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम्।।पंचमं स्कन्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च।सप्तमं कालरात्रीति महागौरीति चाष्टमम्।।नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गा: प्रकीर्तिता:।उक्तान्येतानि नामानि ब्रह्मणैव महात्मना:।। आप सभी को नवरात्रि पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ....।…

गणपति बप्पा मोरया

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ गणेश जी की मुड़ी हुई सूंड के कारण उन्हें वक्रतुण्ड भी कहा जाता है | गणेश जी की सूंड या तो…

दशलक्षण और दशानन

दशानन - दस सिरों वाला- रावण बुद्धिमता और शक्तियों का स्वामी था, परन्तु वह घृणा, अहंकार, कपट, ईर्ष्या, भय, क्रोध, असंवेदनशीलता, लोभ, मोह और वासना जैसी नकारात्मक भावनाओं से ग्रस्त…

गायत्री मंत्र

ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि ।धियो यो न:प्रचोदयात् ।। गायत्री मंत्र की उत्पत्ति कैसे हुई आइये जानें ..महर्षि राजा गाधि के पुत्र विश्र्वामित्र ब्रह्मतेज अर्जित करने के लिए…