वैलेंटाइन डे से हमें क्या लेना देना, ऐसा है दिमाग का कहना जी, परंतु जो छोटा सा दिल है वह तो अभी बच्चा है जी…
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मैं और मेरा दोस्त
चाय का प्याली से,फूलों का डाली से कुछ ऐसा रिश्ता है मेरा और मेरे दोस्त का जो कभी था अनजान ,आज मेरा दोस्त कहलाता है
पापा मैं छोटी से बड़ी हो गई….
Father – Daughter Bonding
होली # “हो” “ली”
होली का त्यौहार है आया रंग बिरंगी खुशियां लाया ठहरों ठहरों रुको रुको कहाँ है ये खुशियां ज़रा ये तो बताओ , जो लोग बाँटते
शादी की दावत (थोड़ा व्यंग ,थोड़ी सीख )
बिट्टू जी की शादी में पकवान बने मजेदारक्या खाएं क्या ना खाएं सोच में पड़ गए यार हमने कभी किसी को ना कहना ना सीखा
मिट्टी के दिये
दोस्तों कैसी रही आप सबकी दिवाली ..उम्मीद है बढ़िया ही रही होगी ..आप सोच रहे होंगे दिवाली तो अब अगले साल आएगी तो आज ये
कहां खो गई मेरी वाली दिवाली
ना जाने कहां खो गई है वह दिवाली, जिसकी करते थे एक महीने पहले से तैयारी घर घर बनते थे नए नए पकवान, क्योंकि आते
मन की मशीन
ध्वनि रोज़ की तरह नम आँखों से घर का काम कर रही थी बार बार उसे यहीं ख्याल परेशान कर रहा था की उसने राहुल
सोलह श्रृंगार के 16 भाव
पहला श्रृंगार है स्नान जिसमें मैंने नकारात्मक सोच को ना दिया मान दूसरा श्रृंगार बिंदी का ऊंचा रखूंगी अपना आत्मसम्मान तीसरा श्रृंगार सिंदूर कालाल रंग