एक गुज़ारिश

हम हारते कैसे नहींजहाँ जज बनकर वक़्त बैठा होऔर वकील बनकर नसीब,वहाँ हार तो निश्चित थी ।जानते हो ना !ऐसी अदालत में नियतिबड़े-बड़े हथकण्डे अपनाती हैफ़िर उस अदालत सेखाली हाथ…

देश का सौरभ रहो तुम, देश का गौरव बनो तुम

देश का सौरभ रहो तुम, देश का गौरव बनो तुम,आधुनिक तकनीक थामे, देश के प्रहरी बनो तुम .देश का सौरभ रहो तुम………….. अपना निहत्था वीर इकला, कितनी, गर्दनो को तोड़ता…