“आदमी की औकात” – दिवंगत जैन मुनि तरुण सागर जी द्वारा रचित कविता

फिर घमंड कैसाघी का एक लोटा,लकड़ियों का ढेर,कुछ मिनटों में राख…..बस इतनी-सी हैआदमी की औकात !!!! एक बूढ़ा बाप शाम को मर गया,अपनी सारी ज़िन्दगी,परिवार के नाम कर गया,कहीं रोने…

जैन प्रश्नावली (भाग – 2)

जय जिनेंद्र जैन प्रश्नावली में भाग लेने के नियम एवं निर्देश इस प्रकार हैं - 1.प्रश्नावली प्रतियोगिता व्हाट्सएप ग्रुप में खिलाई जाएगी | 2.व्हाट्सएप ग्रुप में 2 जुलाई 8:35PM पर…