एक गुज़ारिश

हम हारते कैसे नहींजहाँ जज बनकर वक़्त बैठा होऔर वकील बनकर नसीब,वहाँ हार तो निश्चित थी ।जानते हो ना !ऐसी अदालत में नियतिबड़े-बड़े हथकण्डे अपनाती हैफ़िर उस अदालत सेखाली हाथ…