नारी का सम्मान

नारी का सम्मान करो, नारी है ममता की मूर्ति।
नारी का सत्कार करो, नारी है करुणा की कीर्त।।
नारी कोई कमज़ोर नहीं, कोमल और कठोर सही।
नारी है जन्म देने वाली, जीवन का श्रृंगार यही।।
नारी की है ममताओं से , यह सुन्दर संसार सजी।
नारी की ही करुणा से , ये सुन्दर संसार बसी।।
नारी के है नाम अनेक, माँ, बहन, बेटी के भेष।
नारी के है रूप अनेक, दुर्गा, भवानी, लक्ष्मी के भेष।।
नारी तुम ही सीता हो, तुम ही भागवत गीता हो।
हर देवों में तुम, हर वेदों में, तुम ही सप्तसती दुर्गा हो।।
Written By : Ms. Hansakumari Jha
(Published as received by writer)