देश का सौरभ रहो तुम, देश का गौरव बनो तुम,
आधुनिक तकनीक थामे, देश के प्रहरी बनो तुम .
देश का सौरभ रहो तुम…………..
अपना निहत्था वीर इकला, कितनी, गर्दनो को तोड़ता है,
रिपु सैन्यदल, देख तुमको, डर से भागता, रण छोड़ता है,
दुश्मनों के सैनिक दलों में, अब खौफ ऐसा ही भरो तुम .
देश का सौरभ रहो तुम…………..
अद्भुत निराले अस्त्र शस्त्र, पाए सुरक्षित तनकवच भी,
दृढ मनोबल, सम्मान, जिन पर, गर्व होता खुद उन्हें भी,
सैनिको निर्भीक हो कर, इतिहास नव रचते चलो तुम ,
देश का सौरभ रहो तुम…………..
उत्कृष्टतम हथियार, पोत, यान अब थामे हुए तुम,
अदम्य साहसी, पराक्रमी, चिरकाल से प्रहरी रहे तुम,
अत्याधुनिक तकनीक से, परिपूर्ण ही बन कर लडो तुम.
देश का सौरभ रहो तुम…………..
राफेल, सुखोई, ब्रम्होस, चक्र, सब में भरी है शक्ति भारी,
वार जिन के महाघातक, व्यापक, निर्मम बड़े विध्वंशकारी,
इन सभी की शक्तियों से, विश्व को परिचित करो तुम .
देश का सौरभ रहो तुम…………..
‘सुपर सोनिक’ गति से चलते, प्रलय के अम्बर बनो तुम,
फिर लक्ष्य भेदन की कला में, आज के अर्जुन बनो तुम, .
अब तज अहिंसा, शस्त्र लेकर, संहार हर रिपु का करो तुम .
देश का सौरभ रहो तुम………………
Written By : Mr. Vijay Prakash Jain
(Published as received from writer)