वो थे कभी युवा जो आज बुजुर्ग कहलाते हैं
हम उनके अनुभव से ही आगे बढ़ते जाते हैं
हमारे दुख से दुखी और हमारी खुशी में खुश हो जाते हैं
उनका हाथ रहे हमारे सर पर हमेशा बस यही दुआ मनाते हैं
नीव है वह हमारे जीवन की करते हैं हम उनका सम्मान
उनसे ही हमारा व्यक्तित्व है वह है हमारा अभिमान
जिन्होंने हमारा आज बनाने के लिए मेहनत की थी कल
The Indradanush की है एक कोशिश की वह जिए अपने लिए कुछ पल…
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