मन की मशीन

ध्वनि रोज़ की तरह नम आँखों से घर का काम कर रही थी बार बार उसे यहीं ख्याल परेशान कर रहा था की उसने राहुल के साथ शादी करके गलती तो नहीं की ….शादी सिर्फ एक शब्द नहीं एक ज़िम्मेदारी है ….ये राहुल को भी समझना चाहिए…पहले और अब में फर्क है …ना जाने कितनी बार राहुल के तानों ने ध्वनि का दिल छलनी किया ..छोटी सी लड़ाई झगडे मैं इतनी बड़ी बड़ी बातें बोल देता था ” तुम्हे कुछ आता भी है ,ना जाने मैंने तुमसे शादी क्यों की “,आज से मेरा तुम्हारा रिश्ता ख़त्म ” और ना जाने क्या क्या …पता नहीं किस किस का गुस्सा ध्वनि पर उतार देता था ….आज की पीढ़ी की यहीं सब से बड़ी प्रॉब्लम है जिसके ऊपर गुस्सा आ रहा होगा उसे तो कुछ नहीं कहेंगे बाकी सब पर चिल्लायेंगे…ऐसा लगता है ये सोचते है अपनी टेंशन दूसरों को दो …खुद तो गुस्सा करके अपनी frustation बेचारी ध्वनि पर उतारकर सो जाता था ,पर ध्वनि रात भर यहीं सोचती रहती की आखिर मेरी गलती क्या थी …ध्वनि का मुरझाया हुआ चेहरा देखकर बोलता “तुम अभी भी कल की बात से उदास हो …अरे वो तो मैंने गुस्से में कह दिया था …मेरे मन में ऐसा कुछ नहीं है “

बार बार यहीं शब्द सुनकर की “मेरे मन में ऐसा कुछ नहीं है “” मेरे मन में तुम्हारे लिए बहुत मान सम्मान है ,प्यार है …”अपने आंसुओं को साड़ी के पल्लू से पोंछते हुए ध्वनि सोचने लगी की अगर मन को पढ़ने वाली भी कोई मशीन होती तो कितना अच्छा होता…यकायक उसे अपनी सोच पर हंसी आ गयी …

सच में हमारे अंतर्मन में कितनी भावनाओं और नए नए विचारों का सागर उमढ़ता रहता है …..एक रिश्ते को सफल बनाने की नीव एक दूसरे के मन के भावों को समझने पर टिकी हुई है …पर आज जहाँ सारे रिश्ते mobile ने संभाल रखे है वही हमें एक दूसरे के मन के भाव को समझने के लिए मन को पढ़ने वाली मशीन की आवश्यकता पड़ गई है ….

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