है ना यह दुनिया कितनी अजीब,
सोशल मीडिया पर 400 दोस्त हैं पर कोई नहीं है करीब
अगर हम पोस्ट करते हैं अपनी तस्वीर कोई
‘beautiful’,’so cool’ जैसी टिपण्णी से टिपण्णी बॉक्स को सुशोभित करता हर कोई
यह सब सोशल मीडिया तक ही है सीमित
ऐसा लगता है फेस टू फेस praise करने में लगा दी हो किसी ने लिमिट
घूमने जाते हैं तो, सोशल मीडिया पर कभी खुद कभी हस्बैंड से पोस्ट करवाते हैं…
“हम कहीं बाहर जा रहे हैं ” यह वाक्य पड़ोसी से कहने में कतराते हैं
हां हम हो रहे हैं सोशल
पर real नहीं only virtual…
सोशल मीडिया ने हमें बहुत कुछ दिया ….बिछड़े पुराने दोस्तों को एक साथ जोड़ दिया….
हमारा एक डुप्लीकेट विद डिफरेंट करेक्टर बना दिया
सोशल मीडिया को मेरा तहे दिल से शुक्रिया शुक्रिया ….