दशलक्षण और दशानन

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दशानन – दस सिरों वाला- रावण बुद्धिमता और शक्तियों का स्वामी था, परन्तु वह घृणा, अहंकार, कपट, ईर्ष्या, भय, क्रोध, असंवेदनशीलता, लोभ, मोह और वासना जैसी नकारात्मक भावनाओं से ग्रस्त था| रावण के दस सिर इन्हीं लक्षणों को दर्शाते हैं |
प्रत्येक मनुष्य के भीतर कोई न कोई नकारात्मक भावना होती है, जिन पर विजय प्राप्त करने के लिए जैन धर्म में दशलक्षण पर्व मनाया जाता है|
दशलक्षण पर्व के दस धर्म हैं :
उत्तम क्षमा – बीतीं बातें मन में रख कर घृणा के भाव को हम ” सबको क्षमा और सबसे क्षमा” का धर्म पालन करके पराजित कर सकते हैं |
उत्तम मार्दव – मार्दव का अर्थ होता है कोमलता| कोमल और मृदु वाणी से अहंकार और अभिमान का नाश होता है|
उत्तम आर्जव – स्वार्थी मनुष्य अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिए छल और कपट का सहारा लेता है|आर्जव का अर्थ हैं सरलता- सरल जीवन मनुष्य को छल कपट से दूर रखता हैं
उत्तम शौच : किसी अन्य की चीज़ को देखकर दुःखी होना क्योंकि वो हमारे पास नहीं हैं, ईर्ष्या का भाव पैदा करता है| शुद्ध मन से हमें जो मिला है उसी में खुश रहना चाहिए|
उत्तम सत्य : किसी बात का भय हमें झूठ बोलने के लिए मजबूर करता है| सत्य धर्म का पालन करके हम निडरता से अपना जीवन यापन कर सकते हैं|
उत्तम संयम : जब हमारी इच्छा के विरुद्ध कोई कार्य होता है तब हमें क्रोध आता हैं | दशलक्षण का यह दिन धूपदशमी के रूप में मनाया जाता है| यह धर्म सिखलाता है की संयम और धैर्र्य से प्रत्येक कार्य सफल होता है | क्रोध बने बनाये कार्यो को भी बिगाड़ देता है |
उत्तम तप : तप का अर्थ है ईश्वर का ध्यान| यह धर्म हमें जड़ता से बचाकर कर्तव्य बोध कराता है|
उत्तम त्याग: लोभ छोड़कर अपने जीवन से जुडी महत्वपूर्ण वस्तुएं जो हमें असंवेदनशील बनाती है, उनका त्याग आत्मा की शुद्धि में सहायक होता है|
उत्तम आकिंचन्य: धन-दौलत, सोना-चाँदी, जमीन-जायदाद का मोह छोड़ कर न सिर्फ हम अपनी इच्छाओं पर काबू रख सकते है बल्कि अपने गुणवान कर्मो में भी वृद्धि कर सकते है|
उत्तम ब्रह्मचर्य: इस दिन को अनंत चतुर्दशी कहते हैं|यह धर्म – जरुरत से ज्यादा किसी वस्तु का उपयोग न करना, व्यय, मोह, वासना ना रखते हुए सादगी से जीवन व्यतीत करना सिखलाता है|
दशलक्षण के इन सभी धर्मो का पालन हमें अपने-अपने मन की नकारात्मक भावनाओं को मिटाने के लिए सदैव करना चाहिए|
Very good
Bahut hi badiya…kabhi humne daslakshan aur dashanan ko relate nhi kiya par apke blog ne kuch naya sikhaya….ausam Monica jain..I m great fan of urs.
Thank you